माननीय न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत

माननीय न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत: इनका जन्म 30 अगस्त, 1952 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हुआ था। वहीं से इन्होंने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। इलाहाबाद और लखनऊ से क्रमशः बीएससी और एलएलबी करने के बाद, वे 1973 में इलाहाबाद बार में शामिल हुए और वर्ष 1976 में (यूपी मुंसिफ परीक्षा, 1973 के माध्यम से) यूपी न्यायिक सेवा में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, पीलीभीत, रानीखेत, बरेली और मेरठ में न्यायिक सेवा में विभिन्न पदों पर रहे। इसके बाद वे 1990 में यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नत हुए और जिला बहराइच में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में शामिल हुए। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में संयुक्त रजिस्ट्रार के रूप में भी काम किया। उन्होंने “विवाह, तलाक और अन्य वैवाहिक विवाद” सहित कानून के विषयों पर किताबें लिखी हैं। ‘सिविल प्रक्रिया संहिता’ पर उनकी हिंदी में टिप्पणी ने भारत सरकार से वर्ष 1999 के लिए प्रथम पुरस्कार जीता। उत्तराखंड राज्य के निर्माण के बाद, वे राज्य के पहले न्यायिक सचिव थे। नैनीताल में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने नैनीताल में जिला और सत्र न्यायाधीश का पद भी संभाला। 29 जून, 2004 (FN) से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के पद की शपथ ली, जिसके बाद, 19 फरवरी, 2008 को उन्हें उक्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पुष्टि की गई। उन्होंने 20 सितंबर, 2013 की दोपहर में शिलांग में मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला और 12 अगस्त, 2014 तक इस पद पर बने रहे। आगे पदोन्नत होने पर उन्होंने 13 अगस्त, 2014 (FN) को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद की शपथ ली।