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    माननीय न्यायमूर्ति पी.सी.वर्मा

    माननीय न्यायमूर्ति श्री पी.सी.वर्मा
    • पद: पूर्व माननीय न्यायाधीश

    माननीय न्यायमूर्ति पी.सी.वर्मा का जन्म 12 जनवरी 1951 को हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय से बी.एससी. और एल.एल.बी. किया। 17 मार्च 1976 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। सिविल, संवैधानिक, कराधान, श्रम और सेवा मामलों में उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ पीठ में प्रैक्टिस शुरू की। वर्ष 1977 में उन्हें मार्च 1981 तक उत्तर प्रदेश राज्य का विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया गया। मार्च 1981 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उत्तर प्रदेश राज्य का ब्रीफ होल्डर नियुक्त किया गया। 06.04.1984 को उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उत्तर प्रदेश राज्य का स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया गया। 1994 में उन्हें उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ पीठ में उत्तर प्रदेश राज्य का अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया गया। 05.02.1999 को उन्हें लखनऊ बेंच में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
    09.11.2000 को न्यायमूर्ति पी.सी.वर्मा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। वे 20.03.2002 से 30.03.2003 तक उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।
    वे 01.04.2003 से 04.08.2003 तक, 18.12.2003 से 24.07.2004 तक तथा तीसरी बार 08.01.2006 से 13.01.2006 तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। उन्हें दिसंबर 2005 में भारतीय विधि संस्थान उत्तराखंड राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी नामित किया गया था।
    न्यायमूर्ति पी.सी.वर्मा को 01.08.2007 को उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।
    न्यायमूर्ति पी.सी.वर्मा को अधिसूचना संख्या K. 11017/14/2008-US.II दिनांक 20/01/2009 द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था।